tag:blogger.com,1999:blog-85653324838053878262024-03-12T16:30:59.157-07:00FDIYou are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-8565332483805387826.post-24202990564057979602012-12-04T09:28:00.001-08:002012-12-04T09:28:28.573-08:00FDI: प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सही या गलत ?<a href="http://newfdiretail.blogspot.com/2012/12/blog-post.html?spref=bl">FDI: प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सही या गलत ?</a>: आज भारतीय संसद में भारतीय बाजार को विदेशियों को खोलने की छूट देने के लिए चर्चा चल रही है। सभी लोग देख भी रहे होगे और सुन भी रहे होगे। देश क...You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-8565332483805387826.post-39485607993660166572012-12-04T09:06:00.001-08:002012-12-04T09:06:40.171-08:00 प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सही या गलत ?<div dir="ltr" style="text-align: left;" trbidi="on">
<span style="color: blue;"><span style="font-size: large;">आज भारतीय संसद में भारतीय बाजार को विदेशियों को खोलने की छूट देने के लिए चर्चा चल रही है। सभी लोग देख भी रहे होगे और सुन भी रहे होगे। देश के ये कर्णधार ये नेता कैसे कैसे जनता को आकर्षक बातो के लक्ष्यों में फस देते है और उन्हें अपनी बात को थोप देते है। सभी डालो के लोगो ने अपनी अपनी बात कही होगी, सभी जनता और किसानो की हित की बड़ी=बड़ी बाते करते नजर आयेगे। देश हित की बात को बहुत ही चढ़ा -बढ़ा कर दिखाते है और बताते है। सुनाने और महसूस करने पर यही महसूस होता है जैसे ये देश के लिए ही जी रहे है और देश के लिए ही कर रहे है। लेकिन जहाँ पर देश हित की बात आती है तो ये बड़े हो या छोटे दलों के नेता सब अपने ही हित को देखते है। इनके अन्दर स्वाभिमान भी स्वहित के सामने क्षीण हो जाता है। कैर ये सब नेताओ की बात है ? इसको भी देखना ही होगा।</span></span><br />
<span style="color: blue;"><span style="font-size: large;"><span style="font-size: x-large;"><span style="color: red;">नहीं, </span></span></span></span><span style="color: blue;"><span style="font-size: large;"><span style="font-size: x-large;"><span style="color: red;"><span style="color: blue;"><span style="font-size: large;"><span style="font-size: x-large;"><span style="color: red;">क्यों </span></span></span></span>?</span></span></span></span><span style="color: blue;"><span style="font-size: large;"> </span></span><br />
<span style="color: blue;"><span style="font-size: large;">अब चलते है कांग्रेस की इस रिटेल में बाहरी पूजी को लाना यानि कोई दूसरे को देश में व्यापार की अनुमतियो को देना। जाहिर सी बात है कोई बाहर से आयेगा तो पैसा लगाएगा ही। जब पैसा लगायेगे तो अनाप-सनाप कमाएगा भी। कभी ईस्ट इंडिया कंपनी भी आई थी व्यापार करने और देश को परतंत्र कर लूटती ही नहीं रही बल्कि इसे कही अधिक गढ्ढे की और लेजाकर छोड़ कर चलती नहीं। आज भी वो बात कैसे भूली जा सकती है। अभी कुछ वर्ष पहले भोपाल में ही एक कंपनी से निकली जहरीली गैस का आतंक कम नहीं हुआ। कोई हल नहीं निकला। आज भी सरकार इस पहलू को नकार कर नयी कंपनियों को खुदरा क्षेत्र में लाना चाहती है।</span></span><br />
<br />
<span style="color: blue;"><span style="font-size: large;">आओ चले भारतीय पर एक नजर डाले- अभी हाल में उत्तर प्रदेश में पूर्व की सरकार के समय एक व्यवसायी जो अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसने प्रदेश की सभी खनन में भरी बढ़ोत्तरी कर अवैध धन कमा कर सत्ता का दुलारा बना रहा है और जनता को आज भी उस दंश को झेलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इसी व्यक्ति ने आबकारी का पूरा नियम और कानून ही बदल दिया। लिखी हुई कीमत से अधिक वसूलता रहा। पीने वाला गरीब आदमी सहता रहा। प्रदेश की सरकारी शक्कर मिले उसी के नाम कर दी। औने पौने दाम पर दे डाली। अब बताओ इस देशी व्यवसायी का कोई नहीं कुछ बिगाड़ पाया तो भला इन बहुराष्ट्रीय का कौन बिगाड़ सकेगा।</span></span><br />
<br />
<span style="color: blue;"><span style="font-size: large;">ये एक उदहारण था जो की एक प्रदेश से था। जरा सोचिये कौन सी कंपनी या आदमी किसी दूसरे देश आकर भारत को अमीर बनाएगा। व्यवसाय के मौके पैदा करेगा। घाटे में काम कर कांग्रेस या देश को लाभ पहुचायेगा। आम आदमी और किसान की स्थित क्या होगी ये तो आने वाला समय ही बताएगा।</span></span><br />
<br />
<span style="color: blue;"><span style="font-size: large;">सरकार की मशीनरी और का दम भरने कांग्रेस को ये समझ नहीं आई<span style="font-size: large;"> आखिर जब किसान को एक सरकार नहीं संभाल पायी तो भला एक कंपनी अपने हितो को देखेगी या फिर किसानो की। सोचना होगा<span style="font-size: large;">, समझाना होगा, हितो को देख कर ही निर्णय लेना होगा। अगर देखा जाये तो आने वाली कंपनी अपना हित ही देखेगी और तमाम अवसरों का अंत हो जायेगा। बिचौलिए और जो </span></span>तमाम किसानी से सम्बंधित मजदूर है वो सब बंधुआ मजदूर की भांति रह जायेगे।</span></span><br />
<br />
<span style="color: blue;"><span style="font-size: large;">अब देखो अगर ये कंपनी आई तो करेगी भारत सरकार के हिसाब से काम। तमाम छोटी कंपनियों के उत्पाद को पूर्व में ही अनुबंध के खरीद लेगी और ये सभी उसके अधिकार में चली जाएगी यानी अपना अनुबंध के अनुसार लाभ जोड़कर बाजार में आयेगी। जिससे बाजार में वही वस्तु महगी हो जाएगी। समझिये हम नमकीन बनाते है तो उसे वो हमसे </span></span>
<span style="color: blue;"><span style="font-size: large;">अनुबंध कर लेगी और हम उसे बाजार में नहीं बेच कर उसे ही देगे। अब जो वास्तु हम दस रुपये की बेंच रहे थे वही वो कंपनी अपना प्रॉफिट जोड़कर पंद्रह रुपये में बेचेगी। तय है महगाई आयेगी और शोषण होगा तो इन का नहीं जनता का और समाज के निचले तबके का।</span></span><br />
<span style="color: blue;"><span style="font-size: large;"></span></span><br />
<span style="color: blue;"><span style="font-size: large;"><span style="font-size: x-large;"><span style="color: red;">हा आनी चाहिए !</span></span></span></span><span style="color: blue;"><span style="font-size: large;"> </span></span><br />
<span style="color: blue;"><span style="font-size: large;">जैसा की कांग्रेस अपने विश्लेषण में कहती है की हम सरकार में है लेकिन जनता के हितो को देखते है।</span></span> <span style="color: blue;"><span style="font-size: large;">रिटेल में ऍफ़<span style="font-size: large;"> डी </span>आई आएगी। लोगो को काम मिलेगा। सैकड़ो मिलियन डालर का निवेश होगा। इन्फ्रास्त्रक्चर बढेगा तो जाहिर सी बात है काम बढेगा। नौकरी के चांस बढ़ेगे। किसान के फसल के खरीद दार तय होगा तो जाहिर सी बात है दाम अच्छे<span style="font-size: large;">, बीच के दलालों का खत्म होगा और वही पैसा कंपनी और को मिलेगे। लघु उद्योगों से तीस प्रतिशत की खरीददारी जरुरी होगी। वो तो हमने कह दिया किसान का माल महंगा हो या न हो, लेकिन ये कंपनिया लघु उद्योगों को जरुर करार कर अपने में रखेगी। जनता को वही माल फिर यही कंपनी अपना प्रॉफिट लगा कर जनता में बेचेगी।</span></span></span><br />
<br />
<span style="color: blue;"><span style="font-size: large;"><span style="font-size: large;">कांग्रेस और मनमोहन सिंह को भी तो जनता को लेकर चिंता होनी ही चाहिए। ऐसा है<span style="font-size: large;"> जाहिर </span>नहीं होता। </span></span></span><span style="color: blue;"><span style="font-size: large;">ये जरुर है की जिस समय विकसित देश इन कंपनियो को लगाम लगा कर बाहर का रास्ता दिखा रहे है लगाम कस रहे है भला ऐसे समय में को ये क्या दे देगे<span style="font-size: large;">।</span></span><span style="font-size: large;">
</span><span style="font-size: large;">ये कांग्रेस ही जाने क्यों रिटेल में ऍफ़ दी आई को थोपने को तैयार है और जोर आजमा रही है। देश के हितो को अनदेखा कर रही है।</span></span><br />
<br />
<span style="font-size: x-large;"><span style="color: red;">सीधी राय ....</span></span><br />
<span style="color: blue;"><span style="font-size: large;"> रिटेल की दिशा और दशा को देखते हुए भारत में रिटेल के अनुकूल वातावरण का इन्तजार किया जाना चाहिए था। कोई भी देश या कोई भी कंपनी किसी को या किसी देश को क्यों लाभ देना चाहेगे वो तो बाहरी है और कमाने की गरज से ही भारत आयेगे और लुटाने नहीं। कुल मिलाकर किसी का भी लाभ नहीं होने वाला। न किसान को न इस देश को। हा जहाँ इस उद्योग में एकमुश्त भ्रष्ट की रकम नहीं पा रही तो वो इकठ्ठा एक बारगी ही मिल जाएगी। यानी भ्रष्टाचार को और बढ़ावा मिलेगा। महगाई बढ़ेगी। तो जाहिर सी बात है गरीबी भी बढ़ेगी। गरीबी बढ़ेगी तो देश हित कहाँ और कैसे हुई।</span></span><br />
<span style="color: blue;"><span style="font-size: large;"> </span></span>
<span style="color: blue;"><br /></span></div>
You are God or Human, it's react on you.http://www.blogger.com/profile/04596303692558227089noreply@blogger.com0